प्रीत
love clashes
March 13, 2021
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प्रीत कर किसने जीवन पाया।
फिर भी प्रीत किसे न भाया।
पतंग दीपक से प्रीत लगाया,
अपने तन को ही जलाया,
एक जला फिर दूसरा आया,
फन फन जलाया उसका काया,
आकर नित जलते हैं पतंगे,
प्रेम रस में होकर मतंगे,
प्रेम का पथ जीवन की छाया।
फिर भी प्रीत किसे न भाया।
Author: Shubham Kishore
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